तिरुपति मंदिर के लड्डू में मिली जानवरों की चर्बी!
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तिरुपति बालाजी के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवरों की चर्बी की मिलावट पाई गई है।
तिरुपति/ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जगन मोहन रेड्डी की सरकार पर तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर में चढ़ाए जाने वाली पवित्र मिठाई यानी तिरुपति लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी से बने ऑयल और घटिया सामान इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। सीएम नायडू ने एनडीए विधायक दल की बैठक के दौरान ये सारे दावे किए थे। प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाने के आरोप के बाद जगनमोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP ने इन आरोपों पर जवाब दिया है।
तिरुपति बालाजी मंदिर हजारों लोगों के आस्था का केंद्र है। बालाजी मंदिर के दर्शन करके लौटते हुए लोगों को प्रसाद के रूप में लड्डू दिया जाता है। इस लड्डू को आशीर्वाद समझकर खाया जाता है। गुरुवार को आंध्र प्रदेश की मौजूदा सरकार ने पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान तिरुपति के लड्डू के अंदर जानवरों की चर्बी होने की बात कही। साथ ही इस दावे के लिए नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की रिपोर्ट भी दिखाई गई।
तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद के लड्डू बनाने के लिए 400-500 किलो देसी घी, 750 किलो काजू, 500 किलो किशमिश, 200 किलो इलायची और साथ में बेसन, चीनी आदि इस्तेमाल किए जाते हैं। रिपोर्ट दावा करती है कि इसमें इस्तेमाल किए जाने वाली देसी घी में 3 जानवरों की चर्बी की मिलावट थी।
देसी घी में इन 3 जानवरों की चर्बी
लड्डू में इस्तेमाल होने वाली घी के अंदर कई सारे वेजिटेबल फैट और एनिमल फैट होने का दावा किया गया है। इस पर राज्य सरकार द्वारा लैब की रिपोर्ट भी शेयर की गई है। इसमें लिसीड, व्हीट जर्म, कोकोनट, सोयाबीन, ऑलिव, मेज जर्म, कॉटन सीड, रेपसीडपाम कर्नल, पाम ऑयल, सनफ्लोवर के फैट के साथ बीफ टैलो, लार्ड और फिश ऑयल एनिमल फैट पाया गया है।